बॉलीवुड डायरेक्टर करण जौहर को कौन नहीं जानता होगा, इनकी हर फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर धमाल मचा देती है. हर एक्टर करण जौहर की फिल्म में काम करने के लिए बेताब रहते हैं. बेबाक शख्सियत रखने वाले करण का बात करने का अंदाज़ लोगों को काफी पसंद आता है. मगर क्या आप जानते हैं कि उनकी लाइफ में एक ऐसा पल भी रहा है जब उन्हें अपनी आवाज के लिए लोगों से ताने सुनने पड़ते थे.
इंवेंट के दौरान खुलासा
करण अपनी आवाज़ में भारीपन लाने के लिए एक बार डॉक्टर के पास तक चले गए थे. करण ने इस बात का खुलासा एक इंवेंट के दौरान किया और बताया कि, ‘मैं बचपन से ही ये सुनता आया हूं कि लड़कियों जैसा मत बोलो, उनकी तरह डांस मत करो। लोग बोलते थे कि तुम्हारी आवाज लड़कियों जैसी है. इस बात से मैं काफी परेशा हुआ और मात्र 15 साल की उम्र में मैं स्पीच थैरेपिस्ट के पास इलाज करवाने पहुंच गया था.
आवाज बदलवाने
करण ने आगे बताया कि वह यह सब चीज़े से थक कर एक स्पीच थेरपिस्ट के पास पहुंचे और उनसे अपनी आवाज़ को लड़को की आवाज़ में बदलने के लिए कहा. करण के लिए यह सब कोई मज़ाक नहीं था. थेरपिस्ट ने उन्हें आवाज़ ठीक करने की ट्रेनिंग दी. करण ने लगातार 3 साल तक इसकी प्रैक्टिस की. करण के लिए यह सेशन किसी टॉर्चर से कम नहीं था लेकिन उन्होंने इसे जारी रखा.
करण ने बताया कि “मैंने कभी अपने मां-बाप को यह नहीं बताया कि मैं डॉक्टर के पास अपनी आवाज बदलवाने के लिए जाता हूं. मेरे घर पर कभी ऐसा माहौल नहीं रहा कि जो भी कर रहा हूं, जैसा भी हूं वो गलत है. मैंने 8 साल की उम्र में फिल्म सरगम देखी थी जिसका गाना मुझे बहुत पसंद आया. उसके गाने ढपली वाले की घर पर प्रेक्टिस करता रहता था. लेकिन हमेशा जया प्रदा जी का पार्ट करता. सबसे अच्छी बात ये थी कि पापा ने इसे देखकर मुझे कभी कुछ नहीं कहा”.यही वजह है कि आज करण बिना किसी के डर से बेबाकी से अपनी हर बात सबके सामने रख पाते हैं.