एक छोटे से गांव में रहने वाली प्रियंका ने बिना कोचिंग के निकाली सिविल सेवा परीक्षा

देवभूमि उत्तराखंड के युवाओं ने आज चहुं ओर अपनी प्रतिभा के जलवे दिखाए हैं। आज शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां राज्य के युवाओं ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर ना किया हो। बात अगर राज्य की बेटियों की ही करें तो भी आज शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा जहां राज्य की बेटियों ने अपनी प्रतिभा के झंडे ना गाड़े हों। खेल का मैदान हो या फिर कोई कठिन सैन्य प्रशिक्षण, राजनीति का मंच हो या हो गीत-संगीत का रंगमंच आज देवभूमि की बेटियां किसी से पीछे नहीं है।

 

शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य की बेटियों ने शानदार प्रदर्शन कर समूचे उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया है। आज हम आपको राज्य की एक और ऐसी ही बेटी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने बचपन में सरकारी स्कूल से पढ़ने के बावजूद सेल्फ स्टडी के दम पर सिविल सेवा परीक्षा में 257वीं रैंक हासिल की है। हम आपको बता दें राज्य के चमोली जिले की रहने वाली प्रियंका की, सबसे खास बात तो यह है कि प्रियंका के पिता पहाड़ के अधिकांश लोगों की तरह एक किसान है और गांव में ही रहकर खेती करते हैं लेकिन उन्होंने कभी भी बेटी की सपनों की उड़ान कम ना होने दी और प्रियंका की पढ़ाई हजारों मुश्किलों के बाद भी जारी रखी, इसी का परिणाम है कि वर्तमान में डीएवी से एलएलबी कर रही प्रियंका ने इतना शानदार मुकाम हासिल किया।

पहले ही प्रयास में बिना किसी कोचिंग के 257वीं रैंक हासिल की

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के चमोली जिले की रहने वाली प्रियंका ने यूपीएससी की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है, उन्होंने यह परीक्षा 257वीं रैंक से पास की है। बता दें कि इंटर तक की पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल से करने के पश्चात प्रियंका ने राजकीय महाविद्यालय गोपेश्वर से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वो देहरादून स्थित डीएवी पीजी कॉलेज से एल‌एलबी की पढ़ाई करने लगी। इसी दौरान उसने घर पर ही सेल्फ स्टडी कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करनी शुरू कर दी और अपने पहले ही प्रयास में बिना किसी कोचिंग के 257वीं रैंक हासिल की। प्रियंका के इस शानदार प्रदर्शन से जहां उसके माता-पिता फूले नहीं समा रहे हैं वहीं पूरे गांव में भी खुशी का माहौल है।

ग्रामीण प्रियंका के घर पहुंचकर परिजनों को प्रियंका की कामयाबी की बार-बार बधाई दे रहे हैं। बताया गया है कि वर्तमान में डीएवी से एल‌एलबी की छठे सेमेस्टर की पढ़ाई कर रही प्रियंका के पिता दीवान राम एक किसान हैं जबकि उनकी मां विमला देवी गृहिणी हैं। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी प्रियंका ने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।

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