कभी कमाते थे सिर्फ 100 rs और अब इतने के बने ये मालिक

80 के दशक के बॉलीवुड दिग्गज अभिनेता जितेन्द्र  को आखिर कौन नहीं जानता। जितेन्द्र टॉप कलाकारों में से एक हैं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए जितेन्द्र ने कड़ी मेहनत की हैं। अपने फिल्मों से दर्शकों का दिल जीतने वाले जितेन्द्र कभी 100 रुपए के लिए तरसते थे। तो चलिए जानते हैं जितेन्द्र से जुड़ी कुछ अनसुनी कहानी ।

फर्श से अर्श तक का सफ़र

आज भले ही जितेन्द्र करोड़ो के मालिक हैं लेकिन इस मुकाम को हासिल करने के लिए जितेन्द्र ने क्या कुछ नहीं झेला है। एक मध्यवर्गीय परिवार से तालुकात रखने वाले जितेन्द्र आज करोड़ो से अधिक संपत्ति के मालिक हैं। फर्श से अर्श तक पहुंचने के लिए जितेन्द्र ने कडे संघर्ष किये है। बता दें कि शुरुआत के दौर में जितेन्द्र मुंबई के चॉल में रहते थे। कॉलेज के समय ही जितेन्द्र के पिता का निधन हो गया था। पिता के गुजर जाने को बाद से जितेन्द्र के ऊपर घर की सारी जिम्मेदारी आ गई थी।

पहली फिल्म जितेंद्र कि

जितेन्द्र अपनी करियर की शुरुआत फिल्म सेहरा से की। जितेन्द्र की पहली फिल्म का ऑफर फिल्ममेकर वी शांताराम ने दिया था। जितेन्द्र (फोटोः सोशल मीडिया) इस फिल्म में वह जूनियर आर्टिस्ट थे। उन्हे रोजाना सेट पर जाना होता था। इसके लिए उन्हें प्रतिमाह 105 रुपए दिए जाते थे। इस फिल्म ने जितेन्द्र कि जिंदगी में बहुत बदलाव लाए। बताया जाता है कि जितेन्द्र का रियल नाम रवि कपूर था। लेकिन फिल्ममेकर वी शांतराम ने उनका नाम बदल दिया और जितेन्द्र रख दिया।  यह दूसरी बता है कि जितेन्द्र को उनकी पहली फिल्म सेहरा से कुछ फायदा नहीं हुआ लेकिन एक बार फिर वी शांताराम ने उन्हें अपनी फिल्म ‘गीत गाया पत्थरों ने’ में ब्रेक दिया। इस फिल्म में जितेन्द्र को मात्र 100 प्रतिमाह मिलना था लेकिन उन्हों 6 महीने तक बिना पैसों के ही काम किया।

आपको बता दें कि हिन्दी सीनेमा के मशहूर अभिनेता जितेन्द्र भले ही 6 महीनों तक पाई-पाई के लिए मोहताज थे लेकिन आज के दौर में उनके पास बेशुमार दौलत है। जितेंद्र अभी 1500 करोड़ यानी 200 मिलियन डॉलर संपत्ति के मालिक हैं

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