आर्थिक तंगी का सामना करते हुए यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की

यूपीएससी परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा परीक्षा मानी जाती है देश के बहुत से युवा इसमे भाग लेते है पर सभी का चयन नहीं होता चयन उन्ही का होता है जो कड़ी मेहनत करता है आज की कहानी उर्वशी सेंगेर की है जो आमतोर पर गरीब से संबंद रखती हैं आमतोर पर देखा जाता है।

कठिन परीक्षा के साथ अगर संसाधनों की कमी हो तो इस परीक्षा में सफलता हासिल करना एक सपने जैसा लगने लगता है ।आज हम आपको जिस आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं उन्होंने आर्थिक तंगी का सामना करते हुए यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की ।. इस आईएएस अधिकारी का नाम उर्वशी सेंगर है. जिन्होंने पैसों की कमी की वजह से कोचिंग संस्थान में पढ़ाकर अपने फीस के पैसे जुटाए।

पिता ग्वालियर में बिजली मिस्त्री हैं

इस रैंक के आधार पर उर्वशी को इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट सर्विसेज या इंडियन रेवेन्यू सर्विस कैडर मिलने की संभावना है। उर्वशी बेहद सामान्य परिवार से आती हैं। पिता ग्वालियर में बिजली मिस्त्री हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए जमीन पहले ही बेच दी गई थी। उर्वशी ने स्कॉलरशिप के पैसे से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई की।इसके बाद उन्हें यूपीएससी की तैयारी करनी थी, इसलिए उन्होंने घर पर ही तैयारी शुरू कर दी।

हालांकि, प्री-लिम्स परीक्षा दो बार नहीं निकली। होम स्टडी से दो प्रयासों में फेल होने के बाद उर्वशी दिल्ली आ गईं। यहां पढ़ाई के लिए कोचिंग ज्वाइन की, लेकिन फीस भरने के पैसे नहीं थे। ऐसे में उन्हें दूसरी कोचिंग में भी नौकरी मिल गई। दिन में वह वह कोचिंग का काम करती थी और शाम को वह उसकी कोचिंग में जाती थी और क्लास करती थी।

उत्तर प्रदेश में ग्वालियर के न्यू ग्रेसम विहार बस्ती की रहने वाली उर्वशी एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता का नाम रविंद्र सेंगर है जोकि इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे. वहीं मां परिवार की जिम्मेदारियां संभालती थी. उर्वशी की शुरूआती पढ़ाई ग्वालियर से ही हुई.।

 

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