सोनाक्षी सिन्हा पिछले काफी समय से सोशल मीडिया पर सुर्खियों में बनी हुई हैं। सभी जानते है की सनक्षि अपने पिता के कितने करीब है लेकिन हाल ही में खबर आयी है की शत्रुघ्न इन्हे ने सोनाक्षी को अपने जायदाद में हिस्सा देने से मन क्र दिया है.

निकाल दिया जायदाद से
सोनाक्षी सिन्हा के परिवार की बात करें तो उनके पिता भी बॉलीवुड के मशहूर और दिग्गज अभिनेता रह चुके हैं, जिनका नाम शत्रुघ्न सिन्हा है, जिनका पूरी फिल्म इंडस्ट्री में बहुत बड़ा नाम है। बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा ने बहुत ही कम समय में अपनी एक्टिंग से अपना नाम बनाया है। इसलिए सोनाक्षी को अब सिर्फ सुपरस्टार शत्रुघ्न सिन्हा ही नहीं बल्कि एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा के नाम से भी जाना जाता है. इसी बीच उनके पिता शत्रुघ्न ने हाल ही में एक चौंकाने वाला बयान दिया जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि सोनाक्षी का उनके अरबों की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है।

बेटो को दिया हक़, बेटी को किया बेदखल
साथ ही एक्टर ने ये भी साफ कर दिया है कि उनकी करोड़ों की संपत्ति का मालिक कौन होगा. शत्रुघ्न ने बताया कि उनकी संपत्ति उनके दो बेटों लव (लव सिन्हा) और कुश (कुश सिन्हा) की होगी। शत्रुघ्न का ये बयान सुनकर हर कोई हैरान है. साथ ही इसके पीछे की वजह भी स्पष्ट की गई है। शत्रुघ्न सिन्हा ने पिछले इंटरव्यू में कहा है कि वह कहती हैं कि सोनाक्षी आत्मनिर्भर हैं। उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपने अभिनय के दम पर दौलत और शोहरत अर्जित की है। इसलिए उन्हें किसी चीज की कमी नहीं है। जिसके चलते शत्रुघ्न सिन्हा ने उन्हें संपत्ति का कोई हिस्सा नहीं देने का फैसला किया है।

सोनाक्षी की आगे की कहानी
आपको बता दें कि हाल ही में सोनाक्षी सिन्हा की लिता शत्रुघ्न सिन्हा का एक बयान सामने आया है, जिसमें उनका कहना है कि वह सोनाक्षी को उनकी संपत्ति में से कुछ नहीं देंगे और सारी संपत्ति अपने बेटों के नाम पर ही करेंगे.
विशेष रूप से, सोनाक्षी सिन्हा ने 2010 की फिल्म दबंग से सिनेमाई शुरुआत की। वह सुपरस्टार सलमान खान के साथ दिखाई दीं। फैंस को दोनों की केमिस्ट्री काफी पसंद आई थी. उसके बाद, अभिनेत्री ने कई सफल फिल्में कीं। दबंग 2 और दबंग 3 दोनों में सोनाक्षी आत्मनिर्भर है। उन्होंने बॉलीवुड उद्योग में अपने प्रदर्शन के साथ भाग्य और प्रसिद्धि अर्जित की है। इसलिए उन्हें किसी चीज की कमी नहीं है। इसलिए शत्रुघ्न ने उन्हें संपत्ति का कोई हिस्सा नहीं देने का फैसला किया।